कॉलेज विदाई समारोह दिल झकझोर देने वाला भाषण कविता के माध्यम से:---
संबोधन :--
- आदरणीय प्राचार्य महोदय , हमारे बीच उपस्थित समस्त आदरणीय प्रोफेसर सर, हमारे प्यारे दोस्तों एवं हमारे प्यारे जूनियर्स साथ में आए हुए अभिभावक गण ,अतीथगण आप सभी को इस महाविद्यालय परिवार की तरफ से सभी का तहे दिल से स्वागत करता हूं|
हमें इस कॉलेज परिवार की ओर से इतना प्यार , स्नेह दीया है कि यहां से जाने का मेरा मन नहीं करता , मैं इस कॉलेज परिवार को कभी भूल नहीं सकता|
कविता की कुछ लाइनें प्रस्तुत करना चाहता हूं---
तुम्हारे पास हूं लेकिन जो दूरी है समझता हूं,
(भावनाओं को समझ जाएगा बाहर मत जाइएगा)
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूं,
तुम्हें मैं भूल जाऊं ये मुमकिन है नहीं लेकिन तुम्हें को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूं,
दोस्तों अब तक आप लोगों के पास रहे हो सकता है अब दूरियां हो इसलिए एक कविता की 2 लाइनें प्रस्तुत करना चाहता हूं
कि कोई मंजिल नहीं लगती, सफर अच्छा नहीं लगता,
अगर घर लौटी भी जाऊं तो घर अच्छा नहीं लगता (सुनिए गा)
कोई मंजिल नहीं जचती सफर अच्छा नहीं लगता,
अगर घर लौट भी जाऊं तो घर अच्छा नहीं लगता,
करूं अब कुछ भी दुनिया को अच्छा ही लगता है, मुझे कुछ भी तुम्हारे बगैर अच्छा नहीं लगता
कविता सुनेगा:-
कि हर 1 नदियों के होठों पर समुंदर का तराना है,
अलविदा है मेरे मित्रों अब हमें दूर जाना है----------2
वही बातें पुराने थी वही किस्सा पुराना है, मैं b.a. पास हो जाऊं फिर सपने सजाना है|
और एक बात
मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हें बतला रहा हूं, कोई लब्ज छू गया था बिछड़ के जा रहा हूं मैं |
अरुण कुमार