शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी ने की संस्तुति, नहीं होंगी परीक्षाएं, प्रोन्नति के फार्मूले पर मंथन, 2 जुलाई को घोषणा
लखनऊ:-
यूपी के विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में स्नातक व परास्नातक की परीक्षाएं नहीं होंगी|
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रोफ़ेसर N.K तनेजा की अध्यक्षता में गठित कमेटी में परीक्षाएं ना कराने की संस्तुति की है करीब 4800000 से अधिक विद्यार्थियों को अगली परीक्षा में promote किया जाएगा|
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के अध्यक्षता में सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में कमेटी ने प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति भी बनी|औपचारिक घोषणा अभी इसलिए नहीं की गई क्योंकि केंद्र द्वारा अनलॉक टू को लेकर एक जुलाई तक गाइडलाइंस जारी होनी है|प्रोन्नति का फार्मूला क्या होगा, इस पर भी चर्चा की गई|
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि करुणा वायरस के पढ़ते संक्रमण के बीच परीक्षाएं कराना जोखिम भरा हो सकता है|विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)
के सुझाव पर हरियाणा व राजस्थान सहित कई राज्यों में अपने यहां विद्यार्थियों को पहले ही अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया है|ऐसे में यूपी जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में परीक्षाएं कराने से मुसीबत खड़ी हो सकती है|मालूम हो कि यूपी में 16 राज्य विश्वविद्यालय, एक मुफ्त विवि, एक dimd और 27 निजी विश्वविद्यालय हैं|और वहीं पर देखा जाए तो कुल मिलाकर 726 डिग्री कॉलेज हैं सरकारी और प्राइवेट मिलाकर और यहां पर करीब 4800000 विद्यार्थी पढ़ते हैं|करुणा संक्रमण के कारण मार्च में हुई लगता उनकी चलते तमाम इस विद्यालय में परीक्षाएं शुरू नहीं हो पाई कुछ में शुरू हुई तो कहीं पर आधी परीक्षाएं हो पाई|