INA
इंडियन नेशनल आर्मी
सन 1942 के मित्रों तथा 1945 की युद्ध समाप्ति के बीच शायद ही कोई राजनैतिक गतिविधि देखने को मिलती है| हालांकि भारतीय सीमा के बाहर "इंडियन नेशनल आर्मी " अथवा "आजाद हिंद फौज " भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की एक अभिव्यक्ति थी|
हालांकि 'आजाद हिंद फौज ' की स्थापना कैप्टन मोहन सिंह ने 1942 में सिंगापुर में जापानियों कि सहायता से किया था , लेकिन 1943 में सुभाष चंद्र बोस ने इसे अपने अधीन लाकर इस का पुनर्गठन किया|
आजाद हिंद फौज ने जापानी सेना के साथ भारत पर आक्रमण किया तथा मई 1944 में कोहिमा पर अधिकार भी कर लिया , लेकिन 1945 में जापान की पराजय तथा आत्म समर्पण के साथ आजाद हिंद फौज ने भी मित्र राष्ट्रों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, सुभाष चंद्र बोस थे बारे मैं माना जाता है कि टोकियो जाते हुए एक हवाई दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई|
हालांकि आजाद हिंद फौज अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में असफल रही लेकिन भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में इसका बहुत महत्व है , इस की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:-
1.आजाद हिंद फौज ने भारतीय स्वतंत्रता के प्रश्न का अंतरराष्ट्रीयकरण किया तथा इसकी गति तीव्र की |
2. इस ने साबित कर दिया कि भारतीय सिपाही सिर्फ भाड़े के सैनिक नहीं है, उनमें देश प्रेम भी है अतः ब्रिटिश उनसे अपने ही देश का दमन करने के लिए उन पर अधिक दिनों तक आश्रित नहीं रह सकते|
3. उसने दिखा दिया कि स्वतंत्रता संघर्ष के लिए कांग्रेसी सिर्फ अहिंसक तरीके पर ही नहीं निर्भर है|
4. इसने सांप्रदायिक सौहार्द्र का बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण पेश किया|