chemistry par romantic Kavita
ना ही chemistry होती , ना ही कोई स्टूडेंट होता,
ना ही केमिस्ट्री होती ना ही कोई स्टूडेंट होता है|
ना ही लैब होता ना ही एक्सीडेंट होता|
अभी-अभी पेट कल में नजर आई एक लड़की सुंदर दीनर tastqub जैसी|
बातों में उसके ग्लूकोस की मिठास थी|
सांसों मैं ईंधन की खुशबू साथ थी|
लगने लगे घर के चक्कर उसके कुछ ऐसे....
नाभिक के चारो तरफ इलेक्ट्रान जैसे|
उसने कहा होश में आओ पहचानो अपनी औकात....
आयरन कभी नहीं मिल सकता है गोल्ड के साथ|