अमेरिका राष्ट्रपति Donald Trump ने कोरोना को लेकर चीन पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं
America ne China pe jurmana thoda hai bhut jya
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप को चीन ने 'रहस्य की तरफ छिपाकर रखा'
ट्रंप ने कहा कि अगर बीजिंग ने चेतावनी दे दी होती तो हम बेहतर तरीके से तैयार होते,
काश चीन ने हमें यह पहले बताया होता',
उन्होंने कहा, 'आप इसे समझिए, चीन यहां फायदे में नहीं रहा है। चीन में करोड़ों लोग हैं। चीन को इसका बहुत बुरा परिणाम भुगतना पड़ा है, मैंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बात की है। मैं बस यह सोचता हूं कि काश उन्होंने हमें यह पहले बताया होता। उन्हें पता था कि उनके यहां पहले से समस्या थी। काश उन्होंने यह बता दिया होता।'
अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप पर जानकारी साझा करने की बजाए चीन ने उसे 'रहस्य की तरफ छिपाकर रखा।' उन्होंने कहा कि अगर बीजिंग ने इस खतरे के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी होती तो अमेरिका और पूरा विश्व इसके लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार होता।
Trump राष्ट्रपति ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में उन खबरों से इनकार कर दिया कि जनवरी और फरवरी में अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में आगामी महामारी के बारे में आगाह किया गया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका को तब तक इस प्रकोप की जानकारी नहीं थी जब तक यह सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया।
अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप एक हफ्ते से भी ज्यादा वक्त से रोजाना व्हाइट हाउस के संवाददाताओं को संबोधित कर रहे हैं ,और प्रत्येक सम्मेलन एक घंटे से ज्यादा वक्त का हो रहा है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, 'चीन ने कोरोना वायरस को रहस्य की तरह रखा। उन्होंने बहुत छिपाया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' ट्रंप ने दोहराया कि वह चीन का बहुत सम्मान करते हैं और अपने चीनी समकक्ष शी कोरोना वायरस की गंभीरता के बारे में विश्व को सजग करने में धीमा रुख अपनाने को लेकर निराशा भी व्यक्त की। इस बीच पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक ट्वीट में कहा कि चीन ने भंडाफोड़ करने वालों को चुप करा दिया, पत्रकारों को निकाल दिया, नमूने बर्बाद किए और मौत एवं संक्रमित लोगों की संख्या छिपाई।
बोल्टन
ने कहा कि दरअसल, बड़े पैमाने पर पर्दा डाला गया और चीन जिम्मेदार है। बोल्टन ने मांग की, 'दुनिया को उन्हें जिम्मेदार ठहराना चाहिए।' इस बीच, अमेरिका में घातक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 26,688 पर पहुंचने के बाद ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों से 'घर पर रहने और जान बचाने का' आह्वान किया है। अमेरिका में एक दिन में संक्रमण के मामलों में 7,000 से अधिक का इजाफा हुआ है।
अमेरिका में 340 लोगों की जान गई
देश में अब तक 340 लोगों की जान जा चुकी है और पिछले 24 घंटे में 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राज्य और स्थानीय सरकारों की ओर से घर पर रहने के आदेश जारी करने के साथ ही कैलिफोर्निया, इलिनोइस, न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में 7.5 करोड़ लोगों को पृथक रहने का निर्देश दिया गया है। कनेक्टिकट ने तो यहां तक कहा है कि वह
संघीय सरकार की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना नहीं जारी की गई है लेकिन ट्रंप ने स्वयं साथी नागरिकों से घरों के भीतर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'हम बड़ी जीत हासिल करेंगे। हम जल्द ही बड़ी जीत का जश्न मनाएंगे।' कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में शामिल होते हुए अमेरिका के लगभग सभी मंदिरों और गुरुद्वारों ने घोषणा की है कि वहां प्रार्थनाएं नहीं होंगी। पूरे अमेरिका में होने जा रहे भारतीय-अमेरिका समुदाय के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
America ne China pe jurmana thoda hai bhut jya
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप को चीन ने 'रहस्य की तरफ छिपाकर रखा'
ट्रंप ने कहा कि अगर बीजिंग ने चेतावनी दे दी होती तो हम बेहतर तरीके से तैयार होते,
काश चीन ने हमें यह पहले बताया होता',
उन्होंने कहा, 'आप इसे समझिए, चीन यहां फायदे में नहीं रहा है। चीन में करोड़ों लोग हैं। चीन को इसका बहुत बुरा परिणाम भुगतना पड़ा है, मैंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से बात की है। मैं बस यह सोचता हूं कि काश उन्होंने हमें यह पहले बताया होता। उन्हें पता था कि उनके यहां पहले से समस्या थी। काश उन्होंने यह बता दिया होता।'
अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप पर जानकारी साझा करने की बजाए चीन ने उसे 'रहस्य की तरफ छिपाकर रखा।' उन्होंने कहा कि अगर बीजिंग ने इस खतरे के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी होती तो अमेरिका और पूरा विश्व इसके लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार होता।
Trump राष्ट्रपति ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में उन खबरों से इनकार कर दिया कि जनवरी और फरवरी में अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में आगामी महामारी के बारे में आगाह किया गया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका को तब तक इस प्रकोप की जानकारी नहीं थी जब तक यह सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया।
अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप एक हफ्ते से भी ज्यादा वक्त से रोजाना व्हाइट हाउस के संवाददाताओं को संबोधित कर रहे हैं ,और प्रत्येक सम्मेलन एक घंटे से ज्यादा वक्त का हो रहा है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, 'चीन ने कोरोना वायरस को रहस्य की तरह रखा। उन्होंने बहुत छिपाया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' ट्रंप ने दोहराया कि वह चीन का बहुत सम्मान करते हैं और अपने चीनी समकक्ष शी कोरोना वायरस की गंभीरता के बारे में विश्व को सजग करने में धीमा रुख अपनाने को लेकर निराशा भी व्यक्त की। इस बीच पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने एक ट्वीट में कहा कि चीन ने भंडाफोड़ करने वालों को चुप करा दिया, पत्रकारों को निकाल दिया, नमूने बर्बाद किए और मौत एवं संक्रमित लोगों की संख्या छिपाई।
बोल्टन
ने कहा कि दरअसल, बड़े पैमाने पर पर्दा डाला गया और चीन जिम्मेदार है। बोल्टन ने मांग की, 'दुनिया को उन्हें जिम्मेदार ठहराना चाहिए।' इस बीच, अमेरिका में घातक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 26,688 पर पहुंचने के बाद ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों से 'घर पर रहने और जान बचाने का' आह्वान किया है। अमेरिका में एक दिन में संक्रमण के मामलों में 7,000 से अधिक का इजाफा हुआ है।
अमेरिका में 340 लोगों की जान गई
देश में अब तक 340 लोगों की जान जा चुकी है और पिछले 24 घंटे में 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राज्य और स्थानीय सरकारों की ओर से घर पर रहने के आदेश जारी करने के साथ ही कैलिफोर्निया, इलिनोइस, न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में 7.5 करोड़ लोगों को पृथक रहने का निर्देश दिया गया है। कनेक्टिकट ने तो यहां तक कहा है कि वह
उल्लंघन करने पर लोगों पर जुर्माना लगाएगा।
संघीय सरकार की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना नहीं जारी की गई है लेकिन ट्रंप ने स्वयं साथी नागरिकों से घरों के भीतर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'हम बड़ी जीत हासिल करेंगे। हम जल्द ही बड़ी जीत का जश्न मनाएंगे।' कोरोना वायरस से लड़ने की जंग में शामिल होते हुए अमेरिका के लगभग सभी मंदिरों और गुरुद्वारों ने घोषणा की है कि वहां प्रार्थनाएं नहीं होंगी। पूरे अमेरिका में होने जा रहे भारतीय-अमेरिका समुदाय के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।